तुलसी विवाह 2024: हिंदू परंपरा में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को, जिसे देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न होता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, और इसी समय से सभी मांगलिक कार्य पुनः आरंभ होते हैं। तुलसी विवाह को अत्यधिक शुभ माना गया है, जिससे दांपत्य जीवन में प्रेम और समृद्धि आती है।
तुलसी विवाह करने से विवाह में आ रही बाधाओं का नाश होता है और यह दांपत्य जीवन में प्रेम बनाए रखने में सहायक होता है। शास्त्रों के अनुसार, तुलसी-शालिग्राम का विवाह करने से कन्यादान के बराबर का पुण्य लाभ प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।
तुलसी विवाह का आयोजन भगवान के जागरण और शुभ समय की शुरुआत के प्रतीक के रूप में किया जाता है, जिससे घर में सुख-शांति और प्रेम की वृद्धि होती है।
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