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तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी का महत्व | विवाह मुहूर्त और पूजा विधि

Tulsi Vivah 2024

तुलसी विवाह 2024: हिंदू परंपरा में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को, जिसे देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है, तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह संपन्न होता है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं, और इसी समय से सभी मांगलिक कार्य पुनः आरंभ होते हैं। तुलसी विवाह को अत्यधिक शुभ माना गया है, जिससे दांपत्य जीवन में प्रेम और समृद्धि आती है।

तुलसी विवाह की तिथि और शुभ मुहूर्त 2024

  • तारीख: 12 नवंबर 2024
  • शुभ मुहूर्त: शाम 5:29 बजे से 7:53 बजे तक (प्रदोष काल में)

तुलसी विवाह का धार्मिक महत्व

तुलसी विवाह करने से विवाह में आ रही बाधाओं का नाश होता है और यह दांपत्य जीवन में प्रेम बनाए रखने में सहायक होता है। शास्त्रों के अनुसार, तुलसी-शालिग्राम का विवाह करने से कन्यादान के बराबर का पुण्य लाभ प्राप्त होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।

तुलसी विवाह की पूजा विधि

  1. मंडप स्थापना: तुलसी के पौधे को सुन्दर मंडप के नीचे सजाएं और शालिग्राम भगवान को मंडप में विराजमान करें।
  2. विवाह अनुष्ठान: रीति-रिवाज से तुलसी वृक्ष और शालिग्राम के फेरे कराएं।
  3. भजन-कीर्तन: विवाह के दौरान विशेष भजन, तुलसी नामाष्टक और विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।
  4. पूजा सामग्री: विवाह में फलों, मिठाई, और तुलसी के पत्तों से भगवान की पूजा करें।

तुलसी पूजा मंत्र

  • मंत्र 1: "देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः। नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये॥"
  • मंत्र 2: "ॐ सुभद्राय नम:, मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी, नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते।"
  • मंत्र 3: "ॐ श्री तुलस्यै विद्महे। विष्णु प्रियायै धीमहि। तन्नो वृन्दा प्रचोदयात्॥"

तुलसी विवाह का आयोजन भगवान के जागरण और शुभ समय की शुरुआत के प्रतीक के रूप में किया जाता है, जिससे घर में सुख-शांति और प्रेम की वृद्धि होती है।

कॉल पंडित जी

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